रांची : कोरोना की दूसरी लहर से मुकाबले करने के मकसद से झारखंड सरकार ने मजबूत कदम उठाया है. जेपीएससी समेत तमाम परीक्षाओं को स्थगित करने का निर्णय लेने के साथ ही स्कूल, कॉलेज, कोचिंग, तकनीकी शिक्षा संस्थान व आंगनबाड़ी केंद्रों को अगले आदेश तक बंद रखने का फैसला लिया है. शादी समारोह में 50 से अधिक लोगों के शामिल होने पर भी पाबंदी लगा दी गयी है.
सातवीं से 10 वीं जेपीएसपी परीक्षा दो मई को होनी थी. इस परीक्षा के लिए राज्य के करीब पांच लाख विद्यार्थी शामिल हो रहे थे. बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के आन जान करने से संक्रमण के और फैलने का खतरा था. इसी खतरे को ध्यान में रखते हुए जेपीएससी की परीक्षा स्थगित की गई. इस परीक्षा रद्द करने के लिये झारखंड लोक सेवा आयोग पर दबाव बनाया जा रहा था. सरकार ने यह फैसला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने की अगुवाई में रविवार के दोपहर हुई उच्चस्तरीय बैठक में लिया है.
सरकार की ओर से दावा किया गया है कि राज्य में कोरोना का खतरा तेजी से बढ़ा है. इसे देखते हुए व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करते हुए काम किया जा रहा है. स्वास्थ्य सेवाएं बढ़ायी जा रही हैं. जीवनरक्षक दवाओं और जरूरी बेड की व्यवस्था की जा रही. मेडिकल सेंटर में बेडों की संख्या बढ़ाने का भी काम चल रहा है. तेजी से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ रही है. संक्रमण की गति में कब तक कमी आयेगी, अभी कह पाना कठिन है. ऐसे में कोरोना की रफ्तार में कमी करने को संक्रमण का चेन तोड़ने का निर्णय लिया गया है.
मुख्यमंत्री हेमंत ने राज्य के लोगों से अपील करते हुए कहा है कि संक्रमण को रोकने में सबों की मदद चाहिये. इसे हल्के में ना लें. यह घातक रूप में सामने आ रहा है. नौजवान, बुजूर्ग और हर उम्र के लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं. नौजवान वर्ग के लोग बेवजह मौज मस्ती करना और घूमना बंद करें. अगले को संक्रमित मानकर चलें. ऐसा नहीं करने पर आपके आपके परिजन भी चपेट में आ सकते हैं. बेवजह अभी कोई ना घूमें. जरूरी होने पर मास्क लगाकर ही निकलें. भीड़ के झूंड में ना रहने से बचें. सीएम ने यह भी कहा कि संक्रमण के खतरे को रोकने को और भी निर्णय लिये जा सकते हैं. इस महीने के बाद इसकी फिर से समीक्षा की जायेगी.
बैठक में वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता सहित अन्य भी शामिल थे.