CDS जनरल रावत के साथ हेलिकॉप्टर हादसे में घायल हुए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का बुधवार को निधन हो गया। इंडियन एयरफोर्स ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। एयरफोर्स ने कहा कि ग्रुप कैप्टन वरुण ने गंभीर चोटों की वजह से दम तोड़ दिया। तमिलनाडु के कुन्नूर में 8 दिसंबर को हेलिकॉप्टर हादसे में घायल होने के बाद पहले उन्हें वेलिंगटन के आर्मी अस्पताल में भर्ती किया गया था। बाद में उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें बेंगलुरु शिफ्ट किया गया था। वे पिछले 7 दिन से जिंदगी की जंग लड़ रहे थे।
गैलेंट्री अवॉर्ड विनर थे कैप्टन वरुण
गैलेंट्री अवॉर्ड विनर ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह सैन्य परिवार से आते हैं। उत्तर प्रदेश के देवरिया निवासी वरुण सिंह का परिवार तीनों सेनाओं से जुड़ा है- जल, थल और नभ। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह इंडियन एयरफोर्स (IAF) से थे। उनके पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह आर्मी एयर डिफेंस (AAD) की रेजिमेंट में थे। कर्नल केपी सिंह के दूसरे बेटे और ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के छोटे भाई लेफ्टिनेंट कमांडर तनुज सिंह इंडियन नेवी में हैं।
बता दें ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के पिता और पूरा परिवार सेना से रिटायर होने के बाद भोपाल में ही बस गए थे. कैप्टन वरुण सिंह 14 लोगों में से अकेले थे, जो हेलीकॉप्टर दुर्घटना में बचे थे और उनका इलाज चल रहा था. हेलीकॉप्टर में लगी आग के चलते वो बहुत बुरी तरह जल गए थे. ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को इसी साल स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया था. दरअसल पिछले साल एक उड़ान के समय ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के तेजस फाइटर में कुछ तकनीकी खराबी आ गई थी. इसके बाद उन्होंने फाइटर प्लेन को मिड-एयर इमरजेंसी कर सुरक्षित उतारा था. इसी साहसिक कार्य के लिए उन्हें शौर्य चक्र से नवाजा गया था.