मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने मंगलवार को चाईबासा में पश्चिमी सिंहभूम और सिमडेगा जिले में संचालित विकास कार्यों और कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को कई निर्देश दिए।
सीएम ने कहा कि राज्य के हर जिले में कम से कम 10 से 15 हज़ार कर्मी हैं। आप चाहे किसी भी विभाग के अधिकारी या कर्मचारी हो, राज्य सरकार के अंग के रूप में कार्य कर रहे हैं । आप पढ़े लिखे हैं। आप में दक्षता की कोई कमी नहीं है। झारखंड के भौगोलिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिति से भी भलीभांति वाकिफ हैं। अगर आप अपनी जिम्मेदारियों को चुनौती के रूप में स्वीकार कर कार्य करेंगे तो निश्चित तौर पर बेहतर नतीजे आएंगे और यह इस राज्य के विकास और यहां के निवासियों के हित में होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड एक आदिवासी और दलित बहुल राज्य है। इनके साथ यहां के किसानों, मजदूरों, दिव्यांगों, बुजुर्गों, महिलाओं, नौजवानों समेत कमजोर और वंचित वर्ग को आगे बढ़ाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इस सिलसिले में कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराने की दिशा में अधिकारी पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य करें, तभी हम अपने लक्ष्यों और उद्देश्यों को हासिल कर सकेंगे।
योजनाओं को लेकर कन्फ्यूजन ना हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत और प्रखंड से लेकर मुख्यालय स्तर तक में कई योजनाओं को लेकर कई बार कन्फ्यूजन की स्थिति बन जाती है। अगर इस प्रकार के कन्फ्यूजन पैदा होते हैं तो उसका समाधान भी है। अगर किसी को किसी योजना को लेकर किसी तरह का संशय हो तो वह अपने वरीय अधिकारी या विभाग को इसकी जानकारी दें। सरकार की कोशिश है कि हर योजना का क्रियान्वयन धरातल पर बेहतर तरीके से हो।
पद से अलग हटकर थोड़ा ज्यादा मेहनत करने की है जरूरत
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में खनिज समेत तमाम संसाधन मौजूद है, जो इस राज्य को विकास के रास्ते पर आगे ले जा सकता है। फिर भी झारखंड देश के पिछड़े राज्यों में गिना जाता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि झारखंड के चरित्र को देखते हुए आपको अपने पद से थोड़ा अलग हटकर लोगों के साथ मिल बैठकर कार्य करने की जरूरत है। इस राज्य की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए थोड़ा ज्यादा मेहनत करें, तभी हम अपनी सकारात्मक सोच को यथार्थ में परिवर्तित कर सकते हैं।
बैंकों का नहीं मिल रहा अपेक्षित सहयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास के लिए बैंकों का सहयोग काफी मायने रखता है। लेकिन, यहां बैंक सरकार को आशा अनुरूप सहयोग नहीं कर रहे हैं। कई योजनाओं में सरकार खुद गारंटर है, फिर भी यहां के लोगों को उसका लाभ नहीं मिल रहा है। ऐसी स्थिति में अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारियों और कार्यों को गति देना होगा । इसके लिए सरकार अपने स्तर पर हर संसाधन उपलब्ध कराएगी।
दोनों जिले नक्सल प्रभावित है, विकास को तेज करने की ज्यादा जरूरत
मुख्यमंत्री ने कहा कि पश्चिमी सिंहभूम और सिमडेगा जिले में नक्सल गतिविधियां थोड़ी ज्यादा है। ऐसे में यहां विकास को और तेज करने की जरूरत है। नौजवानों को रोजगार या स्वरोजगार से जोड़ने में अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों को निभाएं, ताकि वे भटकाव रास्ते पर ना जाएं। इसके साथ इन इलाकों में बेहतर पुलिसिंग और स्वास्थ सुविधाओं और मजबूत करें। कई बार मरीजों को चारपाई या किसी अन्य तरीके से घंटों पैदल चलकर अस्पताल ले जाने की खबरें सुनने को मिलती है। यह काफी चिंता की बात है। ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं हो, इसका अधिकारी पूरा ख्याल रखें।
खेल गतिविधियों को बढ़ावा दे रही सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खेल गतिविधियों को सरकार बढ़ावा दे रही है विशेषकर नक्सल प्रभावित इलाकों में सहाय योजना के तहत खेल कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं पिछले दिनों पंचायत स्तर पर फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन हुआ जिसमें लगभग 80 हजार खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा दिखाई । इसके साथ इन खिलाड़ियों को सरकार की ओर से 80 हज़ार किट्स भी बांटे गए।
अधिकारियों को मिले कई निर्देश
●सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्ध योजना के लागू होने से पहले जिन बच्चियों ने स्कूल की पढ़ाई छोड़ दी है, उनका डाटा एकत्रित उन्हें इस योजना से जोड़ने की पहल करें।
●28 फरवरी तक सभी निराश्रित महिलाओं को पेंशन योजना का लाभ सुनिश्चित करें इसके लिए पंचायत स्तर पर मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाकर सत्यापन की व्यवस्था हो।
●15 फरवरी 2023 तक 60 वर्ष से अधिक उम्र के सभी योग्य पात्रों को पेंशन योजना का लाभ सुनिश्चित करें और इसका डेटा सरकारी वेबसाइट पर अपलोड हो।
●बच्चों का बैंक खाता खोलने की प्रक्रिया 31 जनवरी 2023 तक पूरी कर ली जाए, ताकि उनके खाते में डीबीटी के माध्यम से छात्रवृत्ति योजना की राशि डाली जा सके ।
●मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के लाभुक सरकार से मिली राशि का सदुपयोग कर रहे हैं या नहीं, इसकी भी जानकारी और निगरानी की जाए।
●मनरेगा के तहत ज्यादा से ज्यादा मानव दिवस का सृजन कर ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराया जाए।
● सुदूरवर्ती गांवों में विकास को लेकर एक्शन प्लान बनाएं। लोगों को सरकार के योजनाओं का जानकारी मिले और योजनाओं से जुड़कर इसका लाभ उठा सकें।
●मुख्यमंत्री पशुधन योजना के प्राप्त आवेदनों में लक्षित लाभुकों के बीच राशि उपलब्ध कराने के बाद के आवेदनों को वेटिंग लिस्ट में रखकर उन्हें भी आपूर्ति करें जिससे उन्हें पुनः आवेदन न करना पड़े। इसके साथ साथ समुदाय स्तर पर पशुओं को आवंटित करें।
●किसान पाठशाला सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है इसके क्रियान्वयन में तेजी लाई जाए ।
● सभी अधिकारी जनप्रतिनिधियों के साथ समय-समय पर बैठक करें और लोगों की समस्याओं का निराकरण करें
● मादक पदार्थों की अवैध तस्करी पर लगाम कसी जाए घटना में लिप्त तस्करों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।
इन योजनाओं की हुई समीक्षा
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, सर्वजन पेंशन योजना, प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना, मनरेगा अन्तर्गत मानव दिवस सृजन, राजस्व न्यायालय, आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार, जिले में चल रही विभिन्न परियोजनाओं एवं जिलों के विधि-व्यवस्था की समीक्षा की।
समीक्षा बैठक में मंत्री सत्यानंद भोक्ता,मंत्री बादल, मंत्री जोबा मांझी, चाईबासा विधायक दीपक बिरुआ, मझगांव विधायक निरल पूर्ति,चक्रधरपुर विधायक सुखराम उरांव, जगन्नाथपुर विधायक सोनाराम सिंकू, कोलेबिरा विधायक नमन बिक्सल कोंगारी, सिमडेगा विधायक भूषण बारा, विधायक सरायकेला दशरथ गहराई, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का,डी.जी.पी नीरज सिन्हा, सचिव विनय चौबे, सचिव अबू बकर सिद्दीकी, सचिव अमिताभ कौशल, सचिव कृपानंद झा, सचिव प्रशांत कुमार, सचिव के श्रीनिवासन, आयुक्त दक्षिणी छोटानागपुर प्रवीण कुमार टोप्पो, आयुक्त कोल्हान मनोज कुमार, डी.आई.जी दक्षिणी छोटानागपुर अनीश गुप्ता, डी.आई.जी. कोल्हान अजय लिंडा, उपायुक्त, पश्चिम सिंहभूम अनन्य मित्तल, पुलिस अधीक्षक पश्चिम सिंहभूम आशुतोष शेखर, उपायुक्त सिमडेगा आर रॉनीटा, पुलिस अधीक्षक सिमडेगा सौरभ, सिमडेगा एवं पश्चिमी सिंहभूम जिला के पदाधिकारी उपस्थित रहे।