बनारस से विगत 13 जनवरी को विश्व की सबसे लंबी रिवर यात्रा पर निकले विदेशी पर्यटक यहां के लोगों के स्वागत से अभिभूत हो गए। आदिवासी रीति-रिवाज से उनका स्वागत किया गया। जिला प्रशासन की ओर से विदेशी पर्यटकों को भगैया के सिल्क से बने स्कार्फ एवं मोमेंटो भेंट किया गया। शुक्रवार की शाम क्रूज साहिबगंज पहुंचा था, जो रातभर मल्टी माडल टर्मिनल के पास खड़ा रहा। सुबह के समय छोटे जलयान के माध्यम से सभी किनारे पहुंचे।
वहां स्थानीय विधायक अनंत ओझा, डीसी रामनिवास यादव, एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा, डीएफओ मनीष तिवारी, एसडीओ राहुल जी आनंद जी, डीटीओ संतोष गर्ग आदि ने शाल ओढ़ाकर पर्यटकों का स्वागत किया। इस दौरान आदिवासी नृत्य भी पेश किया गया। मांदर की थाप व बांसुरी की धुन ने विदेशी पर्यटकों का मन मोह लिया। पर्यटक वहां से पैदल की मल्टी माडल टर्मिनल पहुंचे और वहां स्थित घरों में जाकर ग्रामीणों से मुलाकात की।
डेढ़ घंटे किया भ्रमण, जाते समय कहा ‘धन्यवाद’
गांव में पहुंचने पर एक महिला ने पैर छूकर एक विदेशी पर्यटक को प्रणाम किया। पर्यटकों ने मिट्टी के बने चूल्हे व स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए शौचालयों को देखा। उनके साथ चल रहा दुभाषिया वहां के बारे में सभी को बता रहा था। एक यंत्र के माध्यम से सभी एक दूसरे से जुड़े हुए थे। डेढ़ घंटे भ्रमण के दौरान ही सभी ने जोहार व धन्यवाद बोलना सीख लिया।
समय से तीन दिन पहले ही पहुंचा क्रूज
वाराणसी से 13 जनवरी को 3200 किलोमीटर की यात्रा पर निकला गंगा विलास क्रूज शुक्रवार शाम करीब सवा छह बजे समदा स्थित मल्टी माडल टर्मिनल पहुंचा। क्रूज को 23 जनवरी को यहां से गुजरना था लेकिन वह तीन दिन पूर्व ही यहां पहुंच गया। पूर्व में कुहासे को देखते हुए कार्यक्रम बनाया गया था।
कुहासा छंटने से क्रूज तेज रफ्तार से चल रहा है। क्रूज पर 36 यात्री सवार थे, लेकिन करीब दो दर्जन यात्री ही उतरे। वहीं, चार यात्री बीमार थे, जो इस वजह से बाहर नहीं आए। सदर अस्पताल उपाधीक्षक डा. मोहन पासवान के नेतृत्व में स्वास्थ्य कर्मियों की टीम ने क्रूज में पहुंचकर उनका इलाज किया। सभी को लूज मोशन की शिकायत थी।