देवघर में शिव बारात निकालने के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने सांसद निशिकांत दुबे की याचिका पर फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि देवघर में प्रशासन के तय रूट से ही शिव बारात निकलेगी। प्रशासन के आदेश को कोर्ट ने सही माना है। इधर, कोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने देवघर में लागू 144 धारा हटा ली है।
गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। इसमें देवघर जिला प्रशासन की ओर से शिव बारात निकालने को लेकर लगाई गई पाबंदियों को चुनौती दी गई थी।
झारखंड हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में इस मामले की सुनवाई हुई। दरअसल, देवघर जिला प्रशासन ने शिव बारात के दौरान परंपरागत तौर पर निकलने वाली झांकी में हाथी-घोड़ा शामिल नहीं करने, झांकी की अधिकतम ऊंचाई 12 फीट करने और रूट को भी परिवर्तित किया है।
कोर्ट में उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने ऑनलाइन बताया कि शिव बारात के रास्ते पर धारा 144 सुरक्षा को देखते हुए लगाया गया है। शिव बारात के सुरक्षा को लेकर देवघर जिला प्रशासन को कुछ इनपुट मिला था। इसे लेकर धारा 144 लगाया गया। ऐसा नहीं है कि पूरे देवघर में धारा 144 होने से 5 या 6 आदमी एक साथ एकत्रित नहीं हो सकते हैं।
इस पर कोर्ट ने समाचार पत्रों एवं अन्य संचार माध्यमों के माध्यम से देवघर डीसी को आज से ही यह जानकारी प्रसारित करने को कहा है कि देवघर में कहीं भी सीमित संख्या में लोगों के रहने को लेकर धारा 144 जैसा आदेश लागू नहीं है।
शिव बारात आयोजन समिति के अभय आनंद झा ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक प्रशासन के तय रास्ते पर बारात निकाला जाएगा। इस बारात में घोड़े शामिल होंगे। ऊंट और हाथी के लिए अनुमति नहीं मिली है। उसके लिए प्रशासन से बात हो रही है।
हाईकोर्ट के फैसले के बाद उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि धारा 144 वापस ले लिया गया है। महाशिवरात्रि पर मंदिर में वीआईपी, वीवीआईपी प्रवेश पूरी तरह बंद रखा गया है।