असम में बाढ़ से स्थिति भयावह होते दिख रही है. कई प्रमुख नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चल रहा है. असम के 28 जिलों में अब तक 18.95 लाख से अधिक लोग बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. वहीं, बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में राज्य में अब तक 55 लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीच स्थिति का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने दरांग, पथरुघाट समेत कई जगहों का दौरा किया. बाढ़ की तस्वीरों को ट्वीव करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए हरसंभव कदम उठा रही है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने लोगों को दिलाया भरोसा
सरमा ने पथरुघाट, दरांग में दीपिला के पास नोनोई आरबी तटबंध के टूटे हुए हिस्से का दौरा किया. उन्होंने ट्वीट करते हुए बताया कि जल संसाधन विभाग द्वारा राहत कार्यों की समीक्षा की और अधिकारियों को बाढ़ कम होते ही तटबंध की मरम्मत करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा दारांग जिले में सक्तोला नदी के उफान से उत्पन्न बोर अथियाबारी के पास तटबंध टूट गए हैं, जिसे लेकर डब्ल्यूआरडी को भी निर्देश दिया है. साथ ही स्थानीय लोगों को आश्वासन दिया कि किलेबंदी में सुधार के लिए नए संरेखण के साथ तटबंध बनाया जाएगा. उन्होंने कहा, बाढ़ का पानी कम होते ही जल संसाधन और सिंचाई विभाग के मंत्री तटबंध के नए संरेखण का निर्माण तेजी से शुरू करेंगे.
पीएम मोदी ने असम मुख्यमंत्री से बाढ़ की स्थिति जानी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को फोन कर राज्य में बाढ़ की मौजूदा स्थिति की जानकारी ली और केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया. मोदी ने बाढ़ से प्रभावित लोगों को हो रही कठिनाइयों पर चिंता भी जताई. सरमा ने ट्वीट किया, असम में बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे आज सुबह छह बजे फोन किया. इस प्राकृतिक आपदा के कारण लोगों को हो रही कठिनाइयों पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है.