पेसा कानून के अनुपालन में कोताही बरतने को लेकर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार द्वारा की जा रही बालू घाटों की नीलामी प्रक्रिया पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है.
यह फैसला मंगलवार को आदिवासी बुद्धिजीवी मंच द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान सुनाया गया. मंच ने याचिका में आरोप लगाया था कि राज्य सरकार ने पेसा कानून के तहत ग्रामसभा की अनुमति और नियमावली बनाए बिना ही बालू घाटों की नीलामी शुरू कर दी, जो कि पहले हाईकोर्ट के आदेश का स्पष्ट उल्लंघन है.
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने पूर्व में सरकार को पेसा कानून के अनुरूप नियमावली तैयार करने का निर्देश दिया था, लेकिन समयसीमा बीत जाने के बावजूद नियमावली नहीं बनाई गई. इसके चलते आदिवासी बुद्धिजीवी मंच ने अदालत की अवमानना का मामला दायर किया.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अगली सुनवाई तक बालू घाट की नीलामी प्रक्रिया पर रोक लगाने का निर्देश दिया है. साथ ही सरकार से दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है. यह मामला राज्य में पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन और आदिवासी अधिकारों की रक्षा से जुड़ा हुआ है, जिस पर अब न्यायपालिका ने भी गंभीरता दिखाई है.