रांची: राजधानी के बहुचर्चित बिल्डर कमल भूषण हत्याकांड में रांची सिविल कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने ट्रायल फेस कर रहे डबलू कुजूर समेत तीन को दोषी करार दिया है। वहीं इस केस के आरोपी मुनव्वर अफाक को सरकारी गवाह बनने और पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने बरी कर दिया।
22 सितंबर को सजा पर फैसला होगा
इस मामले की सुनवाई अपर न्याययुक्त आनंद प्रकाश की अदालत में हुई। अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में 30 से अधिक गवाहों के बयान, एफएसएल रिपोर्ट और अन्य कई अहम साक्ष्य प्रस्तुत किए। इन्हीं आधारों पर अदालत ने चार आरोपियों को दोषी ठहराया। अब सभी दोषियों को 22 सितंबर को सजा सुनाई जाएगी।
मई 2022 में हुई थी हत्या
यह हत्याकांड 30 मई 2022 का है। उस दिन पिस्का मोड़ के देवी मंडप रोड के पास बिल्डर कमल भूषण की ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि हत्या की साजिश उनके करीबी लोगों ने ही रची थी।
बेटी यामिनी का नाम भी आया सामने
कमल भूषण की बेटी यामिनी ने आरोपी राहुल कुजूर के साथ लव मैरिज की थी। बताया जाता है कि इस शादी से कमल भूषण नाराज थे। इसी नाराजगी ने रिश्तों को इतना बिगाड़ दिया कि हत्या की साजिश रची गई।
- आरोप है कि राहुल कुजूर और छोटू कुजूर ने योजना बनाई।
- यामिनी पर आरोप है कि उसने ही शूटरों को पैसे उपलब्ध कराए।
गवाह की भी हुई थी हत्या
यह मामला सिर्फ बिल्डर कमल भूषण की हत्या तक सीमित नहीं रहा। इस केस में गवाह बने उनके अकाउंटेंट संजय सिंह की भी हत्या कर दी गई थी। जांच में सामने आया कि इस साजिश में भी यामिनी की भूमिका रही और उसने ही शूटरों को फंडिंग की थी।
क्या है आगे का रास्ता?
अब पूरे राज्य की निगाहें 22 सितंबर पर टिकी हैं, जब कोर्ट दोषियों को सजा सुनाएगी। माना जा रहा है कि इस बहुचर्चित केस का फैसला रांची की कानून व्यवस्था और न्यायिक इतिहास में एक अहम पड़ाव साबित होगा।