झारखंड में नेशनल पेंशन स्कीम के तहत सरकारी कर्मचारियों का अंशदान 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14% किया गया है। इसके अलावा अनुकंपा पर नियुक्ति के लिए अब हिंदी टाइपिंग का ज्ञान अनिवार्य नहीं होगा, लेकिन हिंदी टाइपिंग सीख लेने और इसकी निर्धारित स्पीड प्राप्त करने के बाद ही नौकरी की संपुष्टि होगी। आज मंगलवार को झारखंड कैबिनेट की बैठक में इस बाबत निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट की बैठक में 8 प्रस्तावों को स्वीकृति मिली। पाकुड़ क्षेत्र के वन क्षेत्र पदाधिकारी अनिल कुमार सिंह को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई। सिंह ने सरकारी नौकरी में रहते हुए दिशा निर्देशों की अवहेलना की थी। मसना और इस तरह के अन्य धार्मिक स्थलों की घेराबंदी एवं सौंदर्यीकरण के लिए 5 करोड़ तक की राशि दी जाएगी।