शहरों की छोटी समस्या हो या बड़ी, बिना कोर्ट के दरवाजे तक पहुंचे उसका समाधान नहीं होता। इसका जीता जागता उदाहरण है। झारखंड की राजधानी रांची के प्रदूषित हो रहे बड़ा तालाब की समस्या। कई दिनों से बड़ा तालाब की समस्या मीडिया में जगह बना रही थी, लेकिन इसकी सुध लेने की हमारे जनप्रतिनिधियों के पास समय नहीं है। झारखंड हाई कोर्ट का ध्यान इस ओर गया है और उसने इसको लेकर सख्त टिप्पणी की है। न सिर्फ टिप्पणी की है, बल्कि राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
हाई कोर्ट ने रांची नगर निगम के साथ झारखंड सरकार से पूछा कि बड़ा तालाब और हरमू नदी के सौन्दर्यी करण पर करोड़ों रुपये खर्च कर दिये, उसका परिणाम क्या निकला है। जब करोड़ों राशि खर्च की जा रही तब फिर इसकी सफाई ढंग से क्यों नहीं हो पा रही है।
हाई कोर्ट ने नगर निगम और राज्य सरकार से सवाल किया कि बड़ा तालाब का पानी सड़ क्यों रहा है। पानी से दुर्गंध आ रही है, उसका असर इसके आसपास रहने वाले लोगों पर पड़ रहा है। उनका जीना मुहाल तो है ही उनके स्वास्थ्य पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
बता दें कि बड़ा तालाब की दुर्दशा को लेकर झारखंड सिविल सोसाइटी और रोहित राय की ओर से एक याचिका दाखिल की गई है। उसी पर हाई कोर्ट में यह सुनवाई हुई जिसमें कोर्ट ने नगर निगम और राज्य सरकार से मौखिक सवाल पूछा है। सुनवाई के दौरान झारखंड सिविल सोसाइटी की ओर से अधिवक्ता खुशबू कटारुका ने कोर्ट को बताया कि रांची के बड़ा तालाब का पानी बदबूदार हो चुका है। नाली का पानी अभी भी इसमें गिर रहा है। इससे लोगों की स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है।
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