आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का जन्मदिन है। वे 50 साल के हो गए हैं। उनका जन्म 10 अगस्त 1975 को नेमरा में हुआ था। इस बार वे अपने पिता शिबू सोरेन के घर पर पूरे परिवार के साथ हैं। शिबू सोरेन अब इस दुनिया में नहीं हैं। हेमंत सोरेन उनके दिखाए रास्ते पर चलने और उनकी विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प ले रहे हैं।
हेमंत सोरेन का जन्मदिन उनके लिए एक खास मौका है। आज शिबू सोरेन होते तो अपने बेटे का 50वां जन्मदिन का केक काटते हुए कितना खुश होते। वे अपने बेटे की तरक्की देखकर बहुत खुश होते। भले ही शिबू सोरेन का शरीर नेमरा में नहीं है, लेकिन उनकी आत्मा यहीं है। वह अपने बेटे हेमंत को आशीर्वाद दे रही है। वह कह रही है, ” झारखंड का जो रास्ता उन्होंने तय किया है, उसी रास्ते पर चलो। खेत-खलिहानों, जंगलों, पहाड़ों और झरनों को बचाना ही होगा।”
अपने जन्मदिन से कुछ घंटे पहले, हेमंत सोरेन नेमरा के खेतों में थे। भारी बारिश हो रही थी। वे नंगे पांव थे। वे उन महिलाओं की मदद कर रहे थे जो धान की फसल बो रही थीं। यह फसल आदिवासियों को हजारों सालों से सहारा दे रही है। हेमंत सोरेन ने अपनी आधी शताब्दी अपने पिता के साथ बिताई। उनके हर फैसले में उनके पिता की सहमति होती थी। चाहे वे सत्ता में हों या विपक्ष में, हेमंत सोरेन अपने पिता के बताए रास्ते से कभी नहीं डिगे। चाहे उन्हें जेल जाना पड़ा हो या ईडी का टॉर्चर सहना पड़ा हो, हेमंत अपने पिता की हिम्मत और ताकत के सहारे ही इस मुकाम तक पहुंचे हैं। शिबू सोरेन आज नहीं हैं, लेकिन हेमंत जब अपने पिता और अपने जन्मस्थान पर वक्त बिता रहे हैं, तो जल-जंगल-जमीन उन्हें आशीर्वाद दे रही है। वे उम्मीद कर रहे हैं कि शिबू का बेटा उनकी हिफाजत करेगा।