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    Home»झारखण्ड»एक लाख 36 हजार करोड़ बकाए के लिए झारखंड सरकार दायर कर सकती है मनी सूट
    झारखण्ड

    एक लाख 36 हजार करोड़ बकाए के लिए झारखंड सरकार दायर कर सकती है मनी सूट

    AdminBy AdminDecember 2, 2024No Comments2 Mins Read
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    रांची : झारखंड सरकार जल्द ही केंद्र के पास एक लाख 36 हजार करोड़ के बकाए के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू करेगी. कानून के जानकारों के अनुसार, बकाए के लिए झारखंड सरकार मनी सूट दायर कर सकती है. यह प्रक्रिया 1908 के सिविल प्रक्रिया संहिता के तहत मनी सूट दायर किया जा सकता है. दरअसल 28 नवंबर को सीएम हेमंत सोरेन ने पहली कैबिनेट में यह फैसला लिया था कि एक लाख 36 हजार करोड़ जो केन्द्र सरकार व केन्द्रीय उपक्रम पर बकाया है, उसकी वसूली के लिए विधिक कार्रवाई शुरू किया जाएगा. बताते चलें कि भूमि मुआवजे के रूप में एक लाख एक हजार 142 करोड़, कॉमन कॉज के तहत 32 हजार करोड़ और कोयले की रॉयल्टी के रूप में 2500 करोड़ रुपए बकाया है.

    सुप्रीम कोर्ट के आदेश का दिया गया है हवाला

    सीएम हेमंत सोरेन ने बकाया के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी हवाला दिया है. 25 जुलाई 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि खदानों और खनिज भूमि पर दी जाने वाली रॉयल्टी कोई कर नहीं है. खनिजों पर कर लगाने का अधिकार राज्यों के पास है. सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि खनिज से संपन्न राज्यों को खनिजों और खनिज से युक्त भूमि पर केंद्र सरकार से 12 साल में किस्तों में रॉयल्टी और टैक्स वसूला जा सकता है. इसके बाद सीएम हेमंत सोरेन से केंद्र से बकाए की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट ने 1989 के फैसले को खारिज कर दिया था: सुप्रीम कोर्ट ने 1989 के उस फैसले को भी खारिज कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि केवल केंद्र के पास खनिजों और खनिज युक्त भूमि पर रॉयल्टी लगाने का अधिकार है. बताते चलें कि झारखंड सरकार को सबसे अधिक कोयला से लगभग 5500 करोड़ रुपए रॉयल्टी मिलती है. आयरन ओर से लगभग 3200 करोड़ रुपए रॉयल्टी मिल सकती है. शेष रॉयल्टी सोना, यूरेनियम, पत्थर, लाइम स्टोन, कॉपर व अन्य खनिजों से मिलती है

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