कोरोनावायरस से पस्त इकॉनमी को एक और बूस्टर देते हुए केंद्रीय बैंक RBI ने रीपो रेट में और कटौती का ऐलान किया है. रीपो रेट में 40 पीपीएस की कटौती कर दी गई है, जिसके बाद नया रेट 4% हो गया है.
केंद्र ने दिया आत्मनिर्भर भारत पैकेज
देश में कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान से निपटने के लिए मोदी सरकार ने करीब 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था जिसे आत्मनिर्भर भारत पैकेज नाम दिया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई को देश के नाम संबोधन में इसकी घोषणा की थी. इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार पांच दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विस्तार से अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के लिए किए गए उपायों की घोषणा की थी. इसमें सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योगों को बिना गारंटी आसान लोन के लिए 3 लाख करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई.
17 अप्रैल को दी थीं कई राहतें
इससे पहले 17 अप्रैल को आरबीआई ने कोरोना संकट और लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए कई तरह की राहत का ऐलान किया था. रिवर्स रीपो रेट में 25 आधार अंक की कटौती की गई थी जिससे यह 4 फीसदी से घटकर 3.75 फीसदी हो गया. इससे बैंकों को कर्ज मिलने में दिक्कत नहीं होगी. केंद्रीय बैंक ने छोटे और मझोले आकार की कंपनियों को नकदी संकट से निजात देने के लिए टीएलटीआरओ 2.0 का ऐलान किया था. इसकी शुरुआत 50 हजार करोड़ रुपए से की गई थी. इसे स्थिति के मद्देनजर बाद में बढ़ाने की भी बात कही गई थी. टीएलटीआरओ 2.0 के तहत कुल राशि का आधा हिस्सा छोटी और मझोली कंपनियों, एमएफआई और एनबीएफसी को जाएगा.
मार्च में दिया था EMI पर मोराटोरियम
पहले मार्च में भी आरबीआई ने बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को कोरोना की वजह से टर्म लोन की किस्त वसूली तीन महीने तक टालने की अनुमति दी थी. कोरोना की वजह से मौद्रिक नीति समीक्षा तय समय से पहले पेश कर दी गई थी. आरबीआई गवर्नर ने कहा था कि बैंकों को यह अनुमति दी जा रही है कि वे टर्म लोन के मामले में ग्राहकों की ईएमआई वसूली तीन महीने के लिए टाल दें. कर्ज वापसी न होने को बैंकों को इसे एनपीए खाते में न रखने की छूट दी जाएगी.
इससे पहले केंद्रीय बैंक एक डायरेक्टर और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे सतीश काशीनाथ मराठे ने मोदी सरकार के राहत पैकेज पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि तीन महीने का मोरेटोरियम काफी नहीं है और एनपीए में नरमी को राहत पैकेज का हिस्सा होना चाहिए था.