इधर सोमवार की दोपहर बिराजपुर के गंगा टोली में तेंदुआ के देखे जाने की खबर पर शुटर की टीम ने मामले की जांच की लेकिन वहां फुटमार्क नही मिलने के कारण इसकी पुष्टि नही हो पायी । हालांकि इस दौरान शूटर नवाब शपथ अली खान ने ग्रामीणों से विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी ली ।
11 दिनों से चल रहा चूहे बिल्ली का खेल
पिछले 11 दिनों से बैरिया-कुशवार के जंगल को ठिकाना बना चुके आदमखोर तेंदूआ को फसाने के लिये शूटर की टीम बैरिया व कुशवार गांव में केज सहित मांस लटकाने के अलावे अन्य सभी रणनीति अपना रही है लेकिन अभियान के 11 दिनों के बाद भी शूटर और तेंदूआ के बीच चूहे-बिल्ली का खेल चल रहा है । शूटर के हर संभावित क्षेत्र में लगाये गये जाल से बचकर वह अपने शिकार की तलाश कर ले रहा है । गौरतलब है कि हरेंद्र घासी को मारने के बाद कुशवार गांव में पिंजड़ा लगाया गया । लेकिन तेंदुआ पिंजड़ा से थोड़ी दूर प्रधान टोला में पेड़ो पर बैठकर शिकार का इंतजार करते हुये देखा गया । इसके दूसरे दिन ही कुशवार से आधा किमी दूर तेतरडीह में शिकार कर लिया । वहीं इसी क्षेत्र में सर्च अभियान चलाने वाली टीम को इसकी भनक तक नही लगी ।
हरेंद्र की मां को मिला मुआवजा की राशि
सोमवार को भंडरिया वन क्षेत्र कार्यालय में रेंजर कन्हैया राम ने मुआवजा की राशि चार लाख रुपये का चेक हरेंद्र की मां को सौंपा। इस दौरान मुखिया विनोद प्रसाद सहित अन्य लोग उपस्थित थे । गौरतलब है कि पिछले 28 दिसंबर की शाम कुशवार गांव में आदमखोर तेंदूआ ने सात वर्षीय हरेंद्र को मार डाला था ।