गिरिडीह: चिलखारी नरसंहार का नामजद नक्सली कोल्हा यादव पंद्रह साल बाद पुलिस के हाथ लगा है, और एसएसबी की टीम ने उसे चरकापत्थर थाना क्षेत्र अंतर्गत बिशनपुर गांव से उसे गिरफ्तार किया है. गुप्त सूचना के आधार पर चरकापत्थर एसएसबी 16 वीं वाहिनी सी समवाय के अलावे चरकापत्थर और भेलवाघाटी थाना की पुलिस के द्वारा अभियान चलाया गया, तथा नक्सली कोल्हा यादव के घर पर छापेमारी कर उसे गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद पुलिस उसे चरकापत्थर थाना से भेलवाघाटी थाना ले गयी जहां पूछताछ के बाद उसे जेल भेज दिया गया.
26 अक्टूबर 2007 की रात भाकपा माओवादियों ने गिरिडीह के चिलखारी फुटबॉल मैदान में बीस लोगों को गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसमें झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरंडी के पुत्र अनूप मरंडी भी शामिल थे. 26 अक्टूबर 2007 को झारखंड बिहार की सीमा पर चिलखारी उर्फ चिलखरियोडीह गांव स्थित उमवि चिलखरियोडीह स्थित मैदान पर तूफान स्पोर्टिंग क्लब चिलखारी की ओर से गांव स्थित मैदान पर तीन दिवसीय फुटबाल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. प्रतियोगिता का फाइनल मुकाबला चकाई प्रखंड के चाइना स्पोर्टिंग क्लब चडरी और गिरिडीह कालेज के बीच हुआ, जिसमें टाइब्रेकर में चडरी की टीम विजयी रही.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बाबूलाल मरांडी के छोटे भाई नुनूलाल मरांडी थे। यात्रा कार्यक्रम के दौरान सोरेन ओपेरा के कलाकारों का कार्यक्रम जारी था। इसी दौरान माओवादियों के एक दस्ते ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर मंच कब्जे में ले लिया। कोई कुछ समझ पाता, इससे पहले ही पुलिस की वर्दी में आए माओवादी ने मंच पर चढ़कर माइक से नुनुलाल मरांडी को सामने आने की चेतावनी दी और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। अगली पंक्ति में बैठे अनूप मरांडी, सुरेश हांसदा, अजय सिन्हा, आयोजक मनोज किस्कू, मुन्ना हेम्ब्रम, चरकू हेम्ब्रम, केदार मरांडी, उस्मान अंसारी, सुशील मरांडी समेत 20 लोगों की इस हमले में मौत हो गई थी।