जमशेदपुर: परसुडीह थाना अंतर्गत घाघीडीह सेंट्रल जेल का सजायाफ्ता कैदी पोटका बिंगबुरु गांव निवासी 59 वर्षीय धीरेन टुडू सोमवार की दोपहर 2:30 से 3 बजे के बीच जेल की बेकरी में काम करने के दौरान अचानक जमीन पर गिर गए। यह देखकर वहां काम कर रहे अन्य कैदी उसे उठाकर इलाज के लिए जेल अस्पताल ले गए। जहां इंजेक्शन देने के साथ-साथ उन्हें पानी भी चढ़ाया गया। मगर स्थिति में सुधार ना होते देख जेलर ने उसे बेहतर इलाज के लिए एंबुलेंस से एक्स-रे टेक्निशियन नवीन महतो और पुलिस के साथ एमजीएम अस्पताल भिजवाया। जहां डॉक्टरों ने जांच कर उसे मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद कैदी के शव को अस्पताल के शीतगृह में रखवा दिया गया। इस दौरान डॉक्टरों ने कैदी की मौत का कारण हार्ट अटैक बताया। वहीं मंगलवार की दोपहर एक्सक्लूसिव मजिस्ट्रेट सुमित प्रकाश मामले की जांच करने एमजीएम अस्पताल पहुंचे। जहां उन्होंने टेक्नीशियन से मामले की पूछताछ कर कैदी के शव को पोस्टमार्टम के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज भेज दिया। इस दौरान मृतक का बेटा भीमाशीष टुडू भी मौके पर मौजूद था। मामले में उसने बताया कि 14 जनवरी टुसू पर्व के दिन पिता से फोन पर उसकी बात हुई थी। इस दौरान वे बिल्कुल ठीक थे। जबकि सोमवार की दोपहर उन्हें जेल से फोन कर पिता की तबीयत खराब होने की बात कही गई। साथ ही उन्हें एमजीएम अस्पताल पहुंचने को कहा गया। जिसके बाद वे शाम 4:30 बजे अस्पताल पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि पिता की मौत हो चुकी है और उनके शव को अस्पताल के शीतगृह में रखवा दिया गया है। मामले में उन्होंने जिला प्रशासन से निष्पक्ष जांच के साथ-साथ मुआवजे की मांग भी की है। वहीं मामले में टेक्नीशियन नवीन महतो ने बताया कि जेल अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी तबीयत में सुधार ना आने के कारण उन्हें एमजीएम अस्पताल रेफर कर दिया गया। जहां पहुंचने में उन्हें जेल से 15 मिनट का समय लगा। इस दौरान कैदी को ऑक्सीजन भी लगाया गया था। जबकि एमजीएम अस्पताल के डॉक्टरों ने जांच कर कैदी को मृत घोषित कर दिया। संभवत: अस्पताल आने के दौरान रास्ते में ही कैदी की मौत हुई होगी। फिलहाल मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में कैदी का पोस्टमार्टम होने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है। बताते चलें कि वर्ष 2014 पोटका थाने में धारा 376 डी सामूहिक दुष्कर्म के तहत दर्ज मामले में सजायाफ्ता कैदी धीरेन टुडू को जेल भेजा गया था। जिसमें 22 सितंबर 2017 को उन्हें अदालत ने सजा भी सुनाई थी। साथ ही उन पर धारा 379 के तहत चोरी का मामला भी चल रहा था।
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