झारखंड विधानसभा का बजट सत्र शुक्रवार से शुरू हो गया। विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल रमेश बैस ने सदन को संबोधित किया। अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि स्थानीय लोगों की भागीदारी निजी क्षेत्रों में भी हो इसके लिए सरकार 75 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की है। इतना ही नहीं रोजगार की समुचित व्यवस्था भी सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि लोककल्याणकारी योजनओं का अधिकतम लाभ लक्षित व्यक्तियों तक पहुंच रहा है। कहा कि शांति व्यवस्था, उद्योग धंधे और विकास के क्षेत्र में लगातार सरकार काम कर रही है। जनहित में राज्य सरकार ने कई नीतियों में अपेक्षित सुधार किया है। नए झारखंड के निर्माण की दिशा में भी सरकार तेजी से काम कर रही है। उन्होनें कहा कि दो वर्षों में जमीनी स्तर पर किए गए सुधार का नतीजा हैं कि सभी क्षेत्र में अभूतपूर्व सुधार आया है। दो लाख से अधिक किसानों को 825 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए हैं।
राज्यपाल ने एक तरफ जहां राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे विकास कार्यों से सदन को अवगत कराया वहीं विधायकों को नसीहत देते हुए कहा कि प्रत्येक सदस्य का यह दायित्व है कि वे राज्यहित को सर्वोपरि रखते हुए जनता की आकांक्षाओं को पूरा करें। उन्होंने कहा कि संविधान देश के सभी नागरिकों को समुचित अधिकार दिए हैं। नागरिकों के अधिकार को अक्षुण्ण रखना हमारा दायित्व हैं। कहा कि वाद विवाद लोकतंत्र को सशक्त बनाता है लेकिन वाद विवाद का स्तर ऊंचा हो. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के चहुमुखी विकास के लिए वचनबद्ध है।
स्पीकर बोले, सबको मिलेगा अपनी बात रखने का मौका
स्पीकर रविन्द्र नाथ महतो ने कहा कि सदस्यों को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के माध्यम से अपनी बात रखने का मौका मिलेगा। उन्होंने सदस्यों से सत्र में निर्धारित अवधि का पूरा सदुपयोग करने का आग्रह भी किया। अपने प्रारंभिक वक्तव्य में उन्हाेंने कहा कि राज्य निर्माण के 22 वर्ष पूरे हो गए हैं। हमारे सामने राज्य निर्माण के संकल्पों को मूर्त रूप देना चुनौती है। कहा कि इस बजट सत्र के माध्यम से राज्य के विकास की गति तेज मिलेगी। उन्होंने कहा कि बजट सत्र में 17 कार्यदिवस निर्धारित हैं, इस दौरान सदन में वित्तीय वर्ष 2021-22 का तृतीय अनुपूरक बजट सदन में आएगा। राज्यपाल का अभिभाषण होगा और वर्ष 2022-23 का बजट भी आना है।