रांची में नवनिर्मित भगवान बिरसा मुंडा म्यूजियम का ऑनलाइन उद्घाटन PM नरेंद्र मोदी ने किया। सोमवार को नई दिल्ली से उन्होंने ऐलान किया कि भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को अब देशभर में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाई जाएगी।
उन्होंने कहा, “इस निर्णय को भगवान बिरसा मुंडा और आदिवासी के वीर-वीरांगनाओं को समर्पित करता हूं। भारत की आत्मा जिस जानजातीय समाज से ऊर्जा पाती है उन्हें एक नई ऊंचाई देना हमारा कर्तव्य है। भारत की जनजातीय परंपरा की, इसकी शौर्य गाथा को देश में और भी भव्य पहचान दी जाएगी। इसी क्रम में ये ऐतिहासिक फैसला लिया गया है।’
PM ने कहा, “देश की आजादी के दौरान भगवान बिरसा ने अपना आखिरी दिन यहीं बिताया था। उन्हें इसी जेल में रखा गया था। जहां उनके आखिरी दिन बीते हैं, वो हमारे लिए तीर्थ हैं। आदिवासी संस्कृति से समृद्ध पहला आदिवासी म्यूजियम अस्तित्व में आया है। ये संग्रहालय स्वतंत्रता संग्राम के नायक, आदिवासी संस्कृति का जीवंत उदाहरण बनेगा।”
देश के 9 और राज्यों में तैयार किया जा रहा म्यूजियम
PM मोदी ने बताया, “देशभर में आदिवासी म्यूजियम का आह्वान किया था। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं। झारखंड के अलावा गुजरात, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल, मध्यप्रदेश, तेलंगाना, मणिपुर, मिजोरम और गोवा में ऐसे म्यूजियम तैयार होंगे। इस म्यूजियम से देश की नई पीढ़ी न सिर्फ आदिवासी इतिहास से अवगत होगी, बल्कि पर्यटन को गति भी मिलेगी। आदिवासी समाज के गीत संगीत, कला-कौशल, हैंडीक्राफ्ट और शिल्प इन सभी विरासतों का संरक्षण और संवर्धन करेंगे।”
झारखंड के युवा अपनी विरासत और इतिहास को नई चेतना दें
PM ने झारखंड के युवाओं से आह्वान किया कि वे अपनी विरासत और इतिहास को नई चेतना दें। उन्होंने कहा, “आप धरती से जुड़े हैं। इस मिट्टी के इतिहास को केवल पढ़ते नहीं हैं। देखते, सुनते और जीते आएं हैं। देश के इस संकल्प की जिम्मेदारी अपने हाथों में लीजिए, स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े इतिहास पर किताब लिख सकते हैं। शोध कर सकते हैं। इनोवेटिव शोध कर सकते हैं।’ उन्होंने कहा, “पेड़ जितना भी विशाल हो वह तभी सीना ताने रख सकता है, जब जड़ें मजबूत हो।’
देश भर के युवाओं से अपील- रांची जाइए और कुछ सीखने का प्रयास कीजिए
इस दौरान PM ने देश भर के युवाओं से भी अपील की। उन्होंने कहा, “रांची जाइए। म्यूजियम में लगी प्रदर्शनी को देखिए और सीखने का प्रयास कीजिए। बहुत कुछ है, जो सीखना और समझना है। यहां सिद्धो कान्हो, तेलंगा खड़िया से लेकर गया मुंडा तक, जतरा-टाना भगत तक अनेक वीरों की प्रतिमा के साथ उनके जीवन गाथा के बारे में भी विस्तार से बताया गया है।